जब जब उठते हैं जाने को तेरे ये कदम,
तब तब ठहरने लगता है दिल हमारा मरने से होने लगते हैं हम
अभी तो तेरे आने का घर में जशन था
तेरा चेहरा निहारने में दिल मगन था
जाने का कह के यूँ करो न दिल पे मेरे सितम
रोशनी के लिए चिराग जलाया ही था
इत्र से कमरे को बस महकाया ही था
अंधेरों से भरे इस जीवन में मेरे सूरज की किरण हो तुम
तब तब ठहरने लगता है दिल हमारा मरने से होने लगते हैं हम
अभी तो तेरे आने का घर में जशन था
तेरा चेहरा निहारने में दिल मगन था
जाने का कह के यूँ करो न दिल पे मेरे सितम
रोशनी के लिए चिराग जलाया ही था
इत्र से कमरे को बस महकाया ही था
अंधेरों से भरे इस जीवन में मेरे सूरज की किरण हो तुम
सोचता हूँ रोक लूँ तुम्हे बनाके कोई बहाना
जीत लूँ दिल गाके कोई हसीन तराना
हर ख़ुशी की वजह हो तुम मेरी, तुम हो तो हँसते हैं मेरे सारे गम ..वैभव
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